Bhagwani Devi 95 साल की उम्र में गोल्ड मेडल, रच दिया इतिहास

भारत की कई महिला एथलीट और खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर रही हैं। सानिया मिर्जा से लेकर भगवानी देवी (Bhagwani Devi) तक, पीवी सिंधु और मीराबाई चानू ने कम उम्र में ही अपना नाम बना लिया है। इन महिला एथलीटों ने कई खेलों में भाग लिया और कई पदक जीते और पूरी दुनिया में भारत का झंडा फहराया, लेकिन अब हम भारत की एक महिला एथलीट की जीत का जश्न मनाते हैं, जिसने आयु सीमा को पार कर सही मायने में उम्र को मूर्त रूप दिया है। नंबर दिया और देश को चमका दिया। निशानेबाज दादी के बाद अब एथलीट दादी चर्चा में हैं। इनका नाम भगवानी देवी डागरे है।

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Bhagwani Devi Dager

भगवानी देवी (Bhagwani Devi) की जीवनी:

भगवानी देवी डागर (Bhagwani Devi Dager) हरियाणा के खेकड़ा गांव की मूल निवासी हैं, उनका विवाह 12 साल की उम्र में हो गया था क्योंकि उनके समय में बाल विवाह का प्रचलन था। जिस उम्र में लड़कियां कॉलेज जाती हैं, उस उम्र तक वे मां बन चुकी होती हैं। उनका सुखी जीवन अच्छा चल रहा था, लेकिन जीवन में सब कुछ सुचारू रूप से नहीं चल रहा है। भगवानी देवी के साथ भी ऐसा ही हुआ, 30 साल की उम्र में उनके पति का देहांत हो गया। कम उम्र में विधवा होने के बावजूद भगवानी देवी ने पुनर्विवाह न करने का निर्णय लिया।

अपने पति की मृत्यु के बाद, उनके बच्चे उनके जीवन का आधार थे, इसलिए उन्होंने अपना पूरा ध्यान बच्चों के पालन-पोषण में लगा दिया, लेकिन मुश्किल समय ने उन्हें नहीं रोका, चार साल की उम्र में उनकी बेटी की आकस्मिक मृत्यु हो गई। पहले पति और फिर बेटी की मौत से भगवनी देवी टूट गईं, लेकिन अपने दूसरे बच्चों की खातिर हिम्मत जुटाकर फिर बैठ गईं। इसी बीच भगवनी देवी को नगर निगम में नौकरी मिल गई, उसके बाद धीरे-धीरे उनकी जिंदगी पटरी पर आ गई।

भगवानी देवी (Bhagwani Devi) कैसे एथलीट बनीं:

हरियाणा की भगवानी देवी डागर (Bhagwani Devi Dager) के एथलीट बनने की कहानी बेहद दिलचस्प है। भगवानी देवी का पोता विकास डागर एक अंतरराष्ट्रीय पैरा-एथलीट और राजीव गांधी खेल पुरस्कार प्राप्तकर्ता है। विकास डागर की दादी भी एक साधारण गृहिणी भी  हैं, जिनका जीवन पति की मृत्यु के बाद अपने बेटे और परिवार की देखभाल में बीत गया है । वह खेतों में काम भी करती थी।

भगवानी देवी की मेहनत रंग लाई:

समय बीतता गया और भगवानी देवी (Bhagwani Devi) तीन बच्चों की दादी बन गईं। अब पोते की शादी हो चुकी है। भगवानी देवी के सबसे बड़े पोते का नाम विकास डागर है। विकास का संबंध खेलों से भी है। उन्होंने भारत के लिए कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया है और 40 से अधिक अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं। अपने पोते को खेलते देख भगवानी देवी की भी इस खेल में रुचि हो गई।

दादी का खेलों के प्रति जुनून देखकर विकास ने उनके साथ ही दादी को भी तैयार करना शुरू कर दिया। रोज सुबह पांच बजे दौड़ने जाना, शाम को फिर दौड़ना थे उनकी मेहनत रंग लाई। उन्होंने एक के बाद एक पुरस्कार जीतना शुरू किया और सफलता के शिखर पर पहुंचकर देश का नाम रोशन किया। बचपन में जिम्मेदारी इस वजह से भगवानी देवी अपना हुनर ​​तो नहीं दिखा पाईं।

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Bhagwani Devi Dager

Bhagwani Devi Gold Medal:

भारत की भगवानी देवी डागर (Bhagwani Devi Dager) ने पोलैंड में आयोजित विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स इंडोर चैम्पियनशिप में तीन गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। 95 वर्षीय भगवानी देवी ने 60 मीटर दौड़, शॉर्ट पुट और डिस्कस थ्रो में जीत हासिल की है। इन तीनों में से कोई भी ईश्वर का मुकाबला नहीं कर सकता था। कम उम्र में यह उपलब्धि हासिल करना कोई छोटी बात नहीं है। इस उम्र में बड़े-बुजुर्ग न सिर्फ खुद का काम करने में असमर्थ हो जाते हैं, बल्कि चलने-फिरने में भी दिक्कत होती है। लेकिन भगवानी देवी ने ऐसा काम किया है कि युवा भी शर्मसार हैं।

कहते हैं सीखने की कोई उम्र नहीं होती:

कहते हैं कि अंदर का टैलेंट कभी-कभी बाहर आ ही जाता है। उम्र और छुपा नहीं सकते। 90 पार करने के बाद भगवानी देवी ने तैयारी शुरू की और फिर उसे बखूबी किया। दादी भगवानी देवी को यह मुकाम हासिल करते देख उनके बेटे, बहू, पोते-पोतियां उनसे प्रेरणा ले रहे हैं। वह कहते हैं, सीखने की कोई उम्र नहीं होती। अगर मन में कुछ करने की इच्छा उठे तो उम्र को किनारे रख उसे पूरा करें।

यदि आप इसे पूरे मन से करते हैं, तो इस गतिविधि में सफलता निश्चित है।

भगवानी देवी कहां से है?

भगवानी देवी डागर (Bhagwani Devi Dager) हरियाणा के खिडका की निवासी है।

भगवानी देवी डागर ने कितने गोल्ड मेडल जीते हैं?

भगवानी देवी डांगर (Bhagwani Devi Dager) ने 3 गोल्ड मेडल जीते हैं।

भगवानी देवी डागर ने कौनसा रिकॉर्ड बनाया?

भगवानी देवी डागर (Bhagwani Devi Dager) ने नेशनल चैंपियनशिप का तोड़ा रिकॉर्ड बनाया।

किस साल में हुआ था भगवानी डागर का जन्म?

भगवानी देवी डागर (Bhagwani Devi Dager) का जन्म वर्ष 1928 में हुआ था।

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