आज हम एक ऐसे शख्स की रियल लाइफ स्टोरी (Motivational Real Life Story) पढ़ेंगे जिसके ऊपर 1.6 करोड़ का कर्जा था। पूरा बिजनेस ठप्प पड़ा था। एक भी पैसे की इनकम नहीं थी। ब्याज चुकाने के लिए भी पैसे ब्याज से ले रहा था। जितनी बैंक से मिल सके उतनी बैंक से भी ले रखी थी लोन। जिंदगी नर्क जैसी हो चुकी थी। फिर उसने कैसे संघर्ष किया! कैसे कर्जा चुकाया और आज वह शख्स कैसे शानदार सेलिब्रिटी की तरह जिंदगी जी रहे हैं, वह सारी चीजें हम स्टेप बाय स्टेप पढ़ेंगे। यह स्टोरी वास्तविक है और सुनते ही शायद आपकी आंखों से आंसू भी निकल पड़े।
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जल्पेश की वास्तविक प्रेरणादायक कहानी: (Motivational Real Life Story)
यह शख्स का नाम है अहमदाबाद शहर में रहने वाला जल्पेश डाभी की। छोटे से गांव में पला और पढ़ा, फिर अपनी युवानी में पैसे कमाने के लिए अहमदाबाद शहर का रास्ता पकड़ा। अपनी बीवी शीतल के साथ वह अहमदाबाद रहने आ गया। किराए पर एक मकान रखा और उनके पास थोड़ी बहुत पूंजी थी जिससे उसने अपना छोटा सा कारोबार शुरू किया।
बिजनेस की कुनेह और मेहनत से उसका बिजनेस चल पड़ा और धीरे-धीरे बिजनेस बड़ा होने लगा। फिर बड़ी जगह पर बिजनेस शुरू किया और अच्छी इनकम होने लगी। बिजनेस को ज्यादा ऊंचाई पर ले जाने के लिए जल्पेश ने बैंक से लोन ली और कुछ लोगों से भी पैसे उधार लिए। सब कुछ सही चल रहा था। जिंदगी में अच्छी खुशहाली थी। इनकम भी बहुत अच्छी थी और कारोबार भी दिन-ब-दिन बढ़ रहा था।
क्यों बंद हो गया सक्सेसफुल बिजनेस:
अचानक बिजनेस हुआ बंद। कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। जल्पेश जो बिजनेस कर रहा था उसमें अचानक अपडेशन आया और पुरानी टेक्नोलॉजी वाला उनका बिजनेस धीरे-धीरे बंद हो गया। फिर बैंक के हफ्ते भी भरना मुश्किल हो गया। इनकम आना बंद हो गई। लोगों को समय पर ब्याज चुकाता रहा और लोगों से कर्जा लेकर बैंक को भी हफ्ता भरता रहा। धीरे धीरे कर्जा बढ़ता ही गया। अब ऐसा दिन आया की नही बैंक को समय पर हफ्ता चुका रहा था और ना ही लोगों को समय पर ब्याज। जो लोग शख्ती से बर्ताव करते थे उनको किसी और से कर्जा लेकर पैसा चुकाता था। ऐसे करते करते 1.6 करोड़ का कर्जा हो चुका था।
उधार पैसे देने वालों से मिलने लगी धमकियां:
रोज पैसे लेने वाले लोग जल्पेश के दफ्तर पहुंचे जाते थे। जल्पेश कुछ समय के लिए कोई न कोई बहाना दिखाकर उनसे पीछा छुड़ा लेता था। उनसे किए हुए वादे भी अब झूठे साबित होने लगे थे। लेनदारों का धैर्य टूटने लगा। कुछ लोगों ने जल्पेश का अपमान करना और धमकाना भी शुरू कर दिया। अब जल्पेश का ऑफिस आना भी मुश्किल हो गया था। स्थिति ऐसी हो चुकी थी की अब जाये तो जाये कहाँ?
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एक कहावत है कि सूखे में अधिक महीना। जल्पेश के पास अब न तो अपना कारोबार था और न ही उनके पास कोई संपत्ति थी। उस ऑफिस को उस व्यक्ति से किराए पर लेने का समय आ गया, जिसने अपना ऑफिस बेचा था। ऑफिस का किराया भी बढ़ रहा था। कार्यालय मालिक ने भी जल्पेश को कार्यालय खाली करने का आदेश दे दिया।
अब वह न घर का रहा न घाट का। जल्पेश के पैरों तले जमीन खिसकने लगी। एक तरफ लोगों की मांग की प्रताड़ना, एक तरफ ऑफिस के मालिक की धमकी और दूसरी तरफ पत्नी की कुछ ना कुछ मांग। जल्पेश अपनी पत्नी को घर चलाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं दे पाता था। बच्चे की स्कूल फीस, ट्यूशन फीस भी समय पर नहीं भर पाता था। जल्पेश की पत्नी ने अपने जेवर भी जल्पेश को दे दिए थे। कुछ गहनों को छोड़कर उसकी पत्नी के सभी आभूषण भी बिक चुके थे।
अब स्थिति और कठिन होने लगी थी। कहीं से भी पैसे उधार नहीं मिल पा रहे थे। उनकी हालात बहुत ही मुश्किल हो चुकी थी। जल्पेश निरंतर तनाव में रहता था. उनकी समाज में नहीं आ रहा था की अब क्या करें। कभी एकांत में उनकी आँखे आंसू से भर जाती थी।
खुदकुशी के आने लगे विचार:
जल्पेश में दो अच्छे गुण थे। पहला वह आत्मविश्वासु था और दूसरा वह सकारात्मक नजरिया वाला था। उसने उनकी पत्नी को आश्वासन देते हुए बताया की तु चिंता छोड़ दे। में कुछ न कुछ ऐसा करूँगा जिससे इस विपरीत परिस्थिति से निजात पाया जा सके। उनकी पत्नी को भी जल्पेश पर पूरा भरोषा था। जल्पेश एक भगेडू कैदी जैसे जीवन व्यतीत कर रहा था और एकांत में लगातार सोच रहा था की क्या किया जाये ताकि फिर से सुख का सूरज देख पाए? कभी कभी जल्पेश को खुदकुशी का विचार भी आता था, पर वह उसे उचित नहीं मानते थे।
ऐसे मिली नए बिजनेस के लिए ऑफर:
अचानक एक दिन एक पुराने दोस्त का फ़ोन आया। जल्पेश ने उनका फ़ोन नहीं उठाया, क्योंकि उनको लगा की पैसे मांगने के लिए फ़ोन आया होगा। उनके दोस्त ने दुबारा कॉल किया। इस बार जल्पेश ने हिम्मत इक्क्ठी करके फ़ोन रिसीव किया। कुछ फॉर्मेलिटी की बात पूरी कर के उनके दोस्त ने कहा की जल्पेश मेरे पास एक बिज़नेस आईडिया है जिससे तू इस मुश्किल स्थिति से बाहर निकल सकता है।
जल्पेश को हंसना आया और कहा की दोस्त, अब मेरे पास जहर खाने के लिए भी पैसे नहीं बचे है, ऐसे में नया बिज़नेस कैसे शुरू कर सकता हूँ! उनके मित्र ने आश्वासन देते हुए बताया की ऐसा नहीं है। सिर्फ पांच से छे हजार में बिज़नेस शुरू कर सकता है और तू जितना चाहे उतना पैसे कमा सकता है। आज राज एक मीटिंग रखी गयी है, जिसमें इस बिज़नेस के बारे में बताया जाएगा। जैसे डूबता हुआ इंसान तिनके का सहारा लेता है, ऐसे जल्पेश ने कहाँ ठीक है, तू बोलता है तो देख लेते है। जल्पेश को भी कुछ उम्मीद जगी और रातको मीटिंग में जा कर उस बिज़नेस के बारे में जाना।
उस दिन वह पूरी रात सो नहीं पाया:
बिजनेस प्लान एक नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी का था। (विशेष नॉट: वह एक जेन्युइन कंपनी थी, पर कुछ सरकारी इशू की वजह से उस कंपनी अभी बाजार में उपलब्ध नहीं है।) एक लीडर ने स्टेज पर आ कर बोर्ड पर प्लान दिखाया। अंत में जो लोग उस कंपनी में काम कर रहे है और पैसे कमा रहे है वो लोग एक के बाद एक स्टेज पर आये और अपना अनुभव शेयर किए। किसीने बताया की में ऑटो चला रहा हूँ और आज हर महीना चार लाख कमा रहा हूँ।
जल्पेश को उस रात नींद न आ सकी और पूरी रात सोचता रहा। सुबह उठ कर अपनी पत्नी को इस कंपनी के बारे में बताया और पूरा बिज़नेस प्लान समजाया। उनकी पत्नी ने बस इतना ही कहाँ की क्या यह तुमसे हो पायेगा। जल्पेश ने कहाँ की अगर एक ऑटो ड्राइवर कर सकता है तो में क्यों नहीं कर पाउँगा। में रात दिन एक कर दूंगा और सफलता हांसिल करूँगा। अब जल्पेश के पास वैसे भी दो ही रस्ते बचे थे, कुछ करों या मरो।
पत्नी ने अपनी प्राण से कीमती गेहने बेच कर की मदद:
जल्पेश इतना भी काबिल नहीं था की छे हजार रुपये से इस बिज़नेस को स्टार्ट कर पाए। उनकी पत्नी जल्पेश की व्यथा समज पा रही थी। उसके पास बचा कुछ गहने जिसमें मंगलसूत्र भी शामिल था वह अलमारी से निकाले और जल्पेश को दे दिए। जलपेश की आँखे भीगी हो गई। उसने मन ही मन कसम खा ली की अब जब से में इस समस्या से बाहर नहीं निकल जाता तब तक चैन से बैठूंगा नहीं।
ऐसे किया शुरू Direct Selling Business:
उसने अपनी पत्नी के बाकी बचे गहने भी बेच दिए। जो पैसे मिले उसमें से ऑफिस का किराया दिया और बिज़नेस स्टार्ट किया। जल्पेश के पास उनकी पुरानी कार थी वह जल्पेश के लिए वरदान साबित हुई। उसने अपनी ऑफिस पर लोगन को बुला कर प्लान दिखाना शुरू कर दिया।
कभी कभी ऐसी परिस्थिति कड़ी हो जाती थी की जल्पेश अंदर करोडो रूपये कमाने का प्लान समजा रहा होता है और बहार पैसे मांगने वाला आ कर बैठा होता था। कैसे भी करके जल्पेश ने बिज़नेस को शुरू किया। जब लोग ज्यादा परेशान करने लगे तब उसने लोगों को कुछ महीने की मुदत का चेक देना शुरू कर दिए, क्योंकि अब उनको विश्वास हो चूका था की वह इस बिज़नेस से लोगों के पैसे वापस कर सकता है।
जल्पेश की टीम अब दूसरे शहर में भी बन चुकी थी। वह अपनी कार लेकर दूसरे शहर में भी टीम मेंबर को सपोर्ट करके अपने बिज़नेस को बढ़ाने के लिए निकल पड़े। जल्पेश खाने के बदले सिर्फ नास्ता करके या शिंग चने खा कर रात दिन मेहनत करने लगा। कभी कभी पंद्रह पंद्रह दिन बाहर घूमता रहता था।
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ऐसे मिली नेटवर्क मार्केटिंग बिज़नेस सफलता:
उनकी मेहनत, निष्ठा, आत्मविश्वास, उत्साह और कुछ करने की आग ने जल्पेश को सफलता दिलाई। अब जल्पेश महीने का एक लाख कमाने लग गया था। धीरे धीरे हर महीना चार लाख की और बाद में छे लाख की इनकम आने लग गई। जल्पेश धीरे धीरे कर्ज़ा चुकाने लग गया। लोगों को भी भरोषा आने लग गया की अब पैसे वापस मिल जायेंगे। जल्पेश के जीवन में फिर से वसन खिलने लगी। पूरा परिवार के चेहरे पर ख़ुशी छलकने लगी। अब जल्पेश का उत्साह भी दोगुना हो चूका था।
जल्पेश सीखता गया और लोगों को सिखाता गया की बिज़नेस कैसे करना है और आगे बढ़ना है। वह हर परिस्थिति में टिका रहा और सिर्फ दो साल में ही नब्बे लाख का कर्जा चूका दिया। उनकी और उनकी पत्नी की आईडी से हर महीना दस लाख की इनकम आने लग गई। उनका उजड़े बाग में फिरसे वसंत छा गयी। पूरा परिवार में बेपनाह खुशियाँ छा गयी।
उनकी खुशियाँ ज्यादा दिन टिक नहीं पाई:
जैसे तारक मेहता का उल्टा चश्मा सीरियल के जेठालाल के घर ज्यादा दिन तक खुसिया टिकती नहीं, वैसे ही जल्पेश जिस कंपनी में काम कर रहा था उस कंपनी में कुछ लीगल इशू आये। सरकार ने नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी में कुछ नए रूल्स लागु किए और कंपनी को मजबूरन इस प्लान बंद करना पड़ा। जल्पेश के चेहरे पर फिर से उदासी छा गयी, लेकिन उनको अब नेटवर्क मार्केटिंग यानी MLM बिज़नेस पर पूरा विश्वास आ चूका था की इस बिज़नेस से जेन्युइन और लगातार मेहनत करते रहने से कामियाबी जरूर से मिल सकती है। जल्पेश उदास जरूर से हुआ पर आत्मविश्वास नहीं गवाया।
दूसरी डायरेक्ट सेलिंग कंपनी ज्वाइन कर ली:
कुछ दिन के बाद जल्पेश ने दूसरी अच्छी लीगल और जेन्युइन नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी ज्वाइन की। अब उसे टीम बनाने के लिए ज्यादा समय नहीं लगा, क्योंकि वह एक अच्छा लीडर था। टीम की समस्या को वह अपनी समस्या समजता था और उसे सॉल्व करने की पूरी कोशिश करता था। सभी बिज़नेस पार्टनर जल्पेश को अपना आदर्श मानने लगे थे। बहुत ज्यादा सँख्या में टीम पार्टनर जल्पेश के साथ दूसरी कंपनी में जुड़ने लगे।
कुछ ही महीने में उसने अच्छी टीम और इनकम कड़ी कर दी। उनको इस कंपनी में अच्छी पोजीशन भी मिल गयी। लगातार मेहनत और लगन से जल्पेश ने पूरा एक करोड़ साठ लाख का कर्ज़ा उतार दिया और एक आलीशान जिंदगी जीने लगा।
अब हर महीने की इनकम है बीस लाख से अधिक:
आज जल्पेश की हर महीने की इनकम बिस लाख से भी ज्यादा है। उनके पास आज लक्ज़री कार, अपना बंगलो, खुद की आलीशान ऑफिस और एक लक्ज़री लाइफस्टाइल है। पूरा परिवार आज बहुत खुश है। पूरा परिवार के साथ लगभग दस से बारह देशो की यात्रा भी कर चूका है। धन्य है उस माँ को जिसने जलपेश जैसा विरल व्यक्ति को जन्म दिया।
अगर आप या आपके आस पास भी कोई ऐसी व्यक्ति है जो अपने जीवन में बहुत संघर्ष करके सफलता की चोटी पर पहुंचे है, तो उनके बारे में हमें हमारा संपर्क करके जरूर से बताए। हम उनकी रियल लाइफ स्टोरी (Life Inspirational Story) इस साइट पर प्रसिद्ध करेंगे, ताकी अन्य लोगों को प्रेरणा मिल सके और जीवन में आगे बढ़ पाए। इस मोटिवेशनल रियल लाइफ स्टोरी को अपने दोस्तों के साथ भी जरूर से शेयर करना और आपका मंतव्य निचे कमेंट करके जरूर से बताना।
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