Kaifi Khalil पाकिस्तान का 26 साल का लड़का जनून से ऐसे बना टॉप सिंगर और युट्यूबर

“अगर जुनून हो तो मंजिल मिल जाती है” ऐसा मानने वाला पाकिस्तान का 26 साल का एक लड़का कैफ़ी खलील (Kaifi Khalil) अपने जीवन में बहुत संघर्ष करके ऐसे बना टॉप सिंगर और यूट्यूबर। अगर कुछ करने की चाहत हो तो सब कुछ हो सकता है। अगर कुछ पाने का जुनून हो तो सब कुछ पाया जा सकता है। अगर कुछ बनने की दिल से चाहत हो तो आसानी से बना जा सकता है। ऐसे आज के हमारे जीरो से हीरो (Zero to Hero) बने कलाकार कैफ़ी खलील अपने जीवन में संघर्ष करके सफलता की चोटी पर पहुंचा है।

आइए विगत से जानते हैं जिनके आज यूट्यूब चैनल पर लाखों सब्सक्राइबर्स है उनकी मोटिवेशनल रियल लाइफ स्टोरी (Motivational Real Life Story) जो आपको प्रेरित कर सकती है।

kaifi-khalil-singer
Kaifi Khalil Singer

कैफ़ी खलील का जन्म ऐसे माहोल में हुआ:

दो सितंबर 1996 के दिन कैफ़ी का जन्म पाकिस्तान के कराची के ल्यारी इलाके में हुआ था। उनके दादा पाकिस्तान के बलूचिस्तान में रहते थे। कैफ़ी का परिवार कई सालों से कराची के लियारी में आ कर बसने लगा था। ल्यारी इलाका उस समय गैंगवार और खून खराबे के लिए जाना जाता था। इस भयानक एरिया में लोग वहां से गुजरने से भी डरते थे। कब किसका कत्ल हो जाए वह कहना मुस्किल होता था। ऐसे माहोल में कैफ़ी खलील का बचपन बीता।

कैफ़ी खलील को बचपन से था संगीत से लगाव:

कैफ़ी खलील के पिता रजब अली सुरजेही लोक कलाकार थे। वह गिटार और बलूची बैंजो बजाते थे और घर पर रियाज भी किया करते थे। प्रोग्राम में वह जब बजाने जाते थे उसमे से थोड़ी बहोत कमाई होती थी जिससे परिवार का गुजारा होता था। कैफ़ी के पिता जब बाहर प्रोग्राम के लिए जाते थे उसे कई दिनों तक बाहर रहना पड़ता था। कैफ़ी उनकी एक बात में बताता है की उनके पिताजी जब प्रोग्राम खतम करके आते थे तब वह सब पर प्यार बरसाते थे। सभी का हाल हवाल पूछते थे।

कैफ़ी उस समय छोटा था और वह उनके पापा की बेसबरी से इंतजार करता था, उसकी वजह यह थी की घर पर पापा बैंजो पर रियाज करते थे वह देख कर उनको बहुत आनंद आता था। उम्र कम होने की वजह से उस समय वह राग, लय या सुर के बारे में कुछ समझ नहीं थी, पर पापा को बैंजो बजाते देख उनको संगीत के प्रति लगाव बढ़ता गया। संगीत के सुर के बीच कैफ़ी का बचपन बीता।

kaifi-khalil-pakistani-singer
Kaifi Khalil Pakistani Singer

कैफ़ी खलील इस वजह से नही पढ़ पाया:

कैफ़ी जब छोटा था तब उनके पिताजी इस दुनिया को अलविदा बोलकर चल बसे। उनके परिवार में कोई कमाने वाला रहा नहीं। आर्थिक स्थिति काफी खराब हो जाने की वजह से कैफ़ी ने स्कूल जाना छोड़ दिया। उनके दोस्तों ने किताबें और यूनिफॉर्म की सहायता करने की इच्छा जताई, पर कैफ़ी स्कूल गया नहीं। घर चलाना बेहद मुस्कील बन गया था। उनके बड़े भैया को पढ़ाई छोड़नी पड़ी और घर की सारी जिम्मेदारी उसने अपने कंधे पर लेली। जैसे तैसे करके परिवार चल रहा था। कैफ़ी को संगीत सीखना था क्योंकि उनके नौ भाई और बहन में से सिर्फ कैफ़ी को ही संगीत में रुचि थी।

ऐसे मजदूरी करके इक्कठे किए पैसे:

पिता की संगीत की विरासत टिकाने के लिए कैफ़ी को संगीत सीखना आवश्यक था। उनको संगीत के प्रति लगाव भी था, लेकिन संगीत सीखे कैसे? उनके पास पैसे तो थे नहीं! थोड़े पैसे कमाने के लिए कैफ़ी उनके बड़े भाई के साथ मजदूरी के लिए जाने लगा। उनकी कम उम्र की वजह से उनको ईंटे उठाना और छोटा बड़ा काम के लिए एक दिन के बीस तीस रूपिये मिलते थे। इस पैसे से कैफ़ी जगजीत सिंह और पाकिस्तान के जाने माने गजलकार की कैसेट खरीदता था।

उस समय पंद्रह से बीस रुपए की टेप रिकॉर्डर की कैसेट मिलती थी। उसने अपनी कमाई से बचत करना चालू कर दिया। धीरे धीरे उनके पास पंद्रह सो रुपए इक्कठे हो गए। इतने पैसे इक्कठे देख कर उस समय उनको लगा की वह सच में अमीर बन गया है!

कैफ़ी को गिटार की जगह मिली निराशा:

कैफ़ी ने मजदूरी करके अपने पास पंद्रह सो रुपए इक्कठे किए उससे वह गिटार खरीदना चाहता था। वह उनके दोस्तों के साथ गिटार खरीदने बाजार गए। गिटार की कीमत सुन कर उनको झटका लगा। कैफ़ी कीमत सुन कर निराश हो गया। उनकी निराशा देख कर उनके दोस्त ने कहा की निराश मत हो, सेकंड हैंड गिटार ले लेते है। बाजार में घूम कर पंद्रह सो रुपए में एक अच्छी सेकंड हैंड गिटार खरीद ली।

गिटार मिलते ही उनकी खुशी का कोई ठिकाना न रहा। वह बहुत खुश था। अब घर जाने के लिए जेब में पैसे थे नहीं और घर बहुत ही दूर था, लेकिन गिटार मिलने की खुशी इतनी थी की अपने दोस्तों के साथ चल कर घर पहुंच गया।

गिटार मिली पर नई मुसीबत आ पड़ी:

ट्रेफिक ओं गिटार मिल गई और अब नई मुसीबत आ पड़ी! कैफ़ी को गिटार को अच्छे से बजाने के लिए कोई उस्ताद के पास सीखना जरूरी था, लेकिन उसके पास तो अब कुछ बचा नहीं था। गिटार सीखने के लिए पैसे कहां से लाए? इस वक्त भी उनके दोस्त ने समस्या का हल ढूंढ निकाला और उनको बताया की यूट्यूब से सीखना शुरू कर दे। कैफ़ी ने उनकी बात पर सहमति जताई और यूट्यूब पर वीडियो देख देखकर उसने गिटार बजाना शुरू कर दिया।

कैफ़ी को ऐसे मिला अवसर:

वह जब ठीक ढंग से गिटार बजाने लगा था तब उसने पब्लिक प्लेस पर बैठकर आंख बंद करके गिटार बजाना शुरू किया। जब वह अपनी आंख बंद करके गिटार बजाता था और फिर अपनी आंखे खोलता था तब उनके सामने बहुत सारे पैसे पड़े हुए देखता था। कुछ समय के बाद लोग उसे पहचानने लगे। उनके एक दोस्त ने उनके लिए ख्यातनाम कला अकैडमी में उनकी एप्लीकेशन की जहां उन्हें निदा बट और हमजा जाकर जैसे दिग्गज कला निर्देशकों के साथ काम करने का अवसर मिला।

कैफ़ी खलील की यूट्यूब चैनल:

कैफ़ी खलील ने 2016 में खुदकी यूट्यूब चैनल Kaifi Khalil नाम से बनाई और उस चैनल पर पारंपरिक बलूची संगीत के साथ आधुनिक संगीत का संयोजन करके आकर्षक धुन बना कर वीडियो अपलोड करने लगा। 2016 में उसने बलूची ट्यून के साथ गीत गा कर उनका पहला वीडियो अपनी यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया। 2020 तक दस लाख से भी ज्यादा लोगों ने उनका यह गीत सुना। “बाली गुराब”, “कड़ी काए” और “मुझे प्यार हुआ था” उनके प्रसिद्ध गीत बन चुके है।

ऐसे आया उनके जीवन में यू टर्न:

कैफ़ी की कमियाबी देख कर 2022 में विश्व प्रसिद्ध कोक स्टूडियो ने उनका संपर्क किया। कैफ़ी को यकीन नही हो रहा था, लेकिन कोक स्टूडियो ने कैफ़ी का लिखा बलूची पॉप सॉन्ग “काना यारी” (Kana Yaari Song) अपलोड किया और उसे बहुत सफलता मिली। सिर्फ तीन दिन में ही तीस लाख लोगों ने यह पॉप सॉन्ग सुना। उनको इवा बी और अब्दुल वहाब बुगती के साथ गाने का अवसर मिला। 2022 में उर्दू भाषा में लिखा गया गीत “कहानी सुनो” लगातार बेस्ट सॉन्ग में स्थान ले रहा है। इस गीत को अब तक करीब पोने दो करोड़ लोगों ने सुना है। वर्तमान में ऐसे वीडियो यूट्यूब के ग्लोबल चार्ट में आठवें क्रम पर है।

Kaifi Khalil Kana Yaari Song

आज कैफ़ी खलील के गीत न सिर्फ पाकिस्तान में, पर बांग्लादेश, भारत, यूएसए, यूके, कनाडा जैसे देशों में सबसे ज्यादा सुने जाते है। दूसरे देश जैसे की यूएसए, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में भी कैफ़ी के गीत सुने जा रहे है। दिलबर दिला बड़े, अफसोस, बेकरार, तौबा तौबा और जंगल जंगल जैसे गीत पर वह डिस्कोग्राफी करता है। छबीस साल की कम उम्र में संघर्ष करके प्रचंड सफलता पाने वाला सक्सेसफुल यूट्यूब क्रिएटर कैफ़ी खलील का मानना है की जुनून हो तो मंजिल मिल जाती है।

कैफ़ी खलील का संगीत जैसी कला के प्रति लगाव, आगे बढ़ने का जुनून और दोस्तों के सपोर्ट से कैफ़ी खलील ने जीरो से हीरो (Zero to Hero) सफलता की चोटी पर अवश्य पहुंचता ही है। आप भी आपके जीवन में आगे बढ़ो, आपके गोल को अचीव करो ऐसी दिल से शुभकामनाएं।

अगर आप या आपके आस पास भी कोई ऐसी व्यक्ति है जो अपने जीवन में बहुत संघर्ष करके सफलता की चोटी पर पहुंचे है, तो उनके बारे में हमें हमारा संपर्क करके जरूर से बताए। हम उनकी रियल लाइफ स्टोरी (Real Life inspirational Story in Hindi) इस साइट पर प्रसिद्ध करेंगे, ताकी अन्य लोगों को प्रेरणा मिल सके और जीवन में आगे बढ़ पाए। इस मोटिवेशनल रियल लाइफ स्टोरी (Motivational Real Life Story) को अपने दोस्तों के साथ भी जरूर से शेयर करना और आपका मंतव्य निचे कमेंट करके जरूर से बताना।

FAQs Relatet Kaifi Khalil’s Motivational Real Life Story:

Who is Khafi Khalil?

Kaifi Khalil is a famous singer and Youtuber of Pakistan.

What is Kaifi Khalil’s education?

After Kaifi Khalil’s father’s death he never went to school.

What is Kaifi Khalil Age in 2023?

Kaifi Khalil is 26 years old in 2023.

Who is the singer of Kana Yaari ?

Kaifi Khalil is the singer of Kana Yaari.

This Post Has One Comment

Leave a Reply