अरुणिमा सिन्हा भारत के राष्ट्रीय स्तर की पूर्व वॉलीबॉल खिलाड़ी तथा माउंड एवरेस्ट फतह करने वाली पहली भारतीय विकलांग है. अरुणिमा सिन्हा की दिलचस्त जीवनी (Arunima Sinha Biography) के बारे में जानते है. अरुणिमा सिन्हा का जन्म सन 1988 में उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में हुआ है. अरुणिमा सिन्हा रूचि बचपन से ही स्पोर्ट में रही है. वह एक नेशनल वॉलीबॉल प्लेयर भी है. उनकी लाइफ में सब कुछ सही चल रहा था. तभी उनके साथ ऐसी एक घटना हुई के आज भी हम सुनकर हमारे रूह कांपने लगते है. जिसके चलते उनकी जिंदगी का इतिहास ही बदल गया. क्या थी वह घटना जिसके चलते उन्हें कीर्तिमान रच दिए.
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अरुणिमा सिन्हा की बायोग्राफी (Arunima Sinha Biography):
अरुणिमा का जन्म उत्तर प्रदेश की राजधानी सुल्तानपुर में हुआ है. इनका जन्म सन 1988 में हुआ है. अरुणिमा का जन्म स्थान अम्बेडकर नगर, उत्तर प्रदेश (भारत) में हुआ है. उनके पति का नाम गौरव सिंह है. अरुणिमा के पिता सेना में इंजीनियर थे और माता स्वास्थ्य विभाग में सुपरवाइजर है. अरुणिमा सिन्हा जब वो 3 साल की थी तब उनकी पिता की मौत हो गई थी.
अरुणिमा सिन्हा की शिक्षा:
अरुणिमा सिन्हा को बचपन से ही स्पोर्ट्स में रुचि रही है. अरुणिमा सिन्हा ने अपनी शिक्षा लखनऊ के एक सरकारी स्कूल से पूरी की है. उन्होंने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान(NIM), उत्तरकाशी में शिक्षा प्राप्त की. अरुणिमा सिन्हा ने उसके बाद इन्होंने नेहरू इन्स्टीट्यूट ऑफ माउण्टेनियरिंग, उत्तरकाशी से माउण्टेनियरिंग का कोर्स किया. वे राष्ट्रीय स्तर पर वालीबॉल खेला था और साथ में फुटबॉल भी खेलती थीं.
अरुणिमा सिन्हा दुर्घटना (Arunima Sinha Accident):
अरुणिमा सिन्हा 11 अप्रैल 2011 को पद्मावती एक्सप्रेस से लखनऊ से दिल्ली जा रही थी तब रात के लगभग कुछ शातिर अपराधी डिबो में घुसकर अरुणिमा को अकेला देख कर उनकी गले में पहनी चैन को छीन लेने का प्रयास किया. जिनका विरोध अरुणिमा सिन्हा ने किया. शातिर अपराधी ने चलती हुए ट्रैन से अरुणिमा को बहार फैक दिया. जिनकी वजह से अरुणिमा सिन्हा का पैर ट्रैन की पटरिओ के बिच आ जाने से कट गया. पूरी रात अरुणिमा सिन्हा दर्द से चिकती चिलाती रही. लगभग 40 से 45 ट्रैन गुजरने के बावजूत अरुणिमा सिन्हा अपने जीवन की आंच खो चुकी थी.
अरुणिमा सिन्हा के जीवन को कुछ और ही पसंद था. इस घटना के दौरान अरुणिमा सिन्हा को नई दिल्ली के AIIMS हॉस्पिटल में भर्ती करवाया. जहा अरुणिमा सिन्हा अपने मौत के बिच 4 महीने लड़ती रही. कहते है ना के भगवान को कुछ और ही पसंद है. अरुणिमा सिन्हा की इस दर्द भरी जिंदगी में जित हुए. उनके पैरो को जोड़ दिया गया. फिर उसके बाद दिल्ली के AIIMS हॉस्पिटल में भर्ती करने पर डॉक्टर भी हर मान चुके थे और उनको आराम करने की सलाह दे रहे थे. परिवार के नजरो में अरुणिमा एक विकलांग और कमजोर बन चुकी थी.
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जब हौसला हो बुलंद:
लेकिन अरुणिमा सिन्हा ने कभी भी हार नहीं मानी वो अपनी होसलो पर कमी नहीं आने दी और किसी के आगे लाचार और बेबस खुदको घोषित नहीं करना चाहती थी. अरुणिमा सिन्हा के जीवन में कई मुशीबत आई परन्तु उन्होंने हार नहीं मानी. चाहे जिंदगी में लाख मुसीबत आये हमें उनका दृढ़ कर सामना करना चाहिए.
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पर्वतारोहण अरुणिमा सिन्हा:
अरुणिमा सिन्हा का मानना है कि जो उनका कटा हुआ पैर ही उनकी कमजोरी नहीं बन सकता. उसने अपनी ताकत बनाई राखी. दुनिया की सबसे शीर्ष चोटी पर जाने के लिए अरुणिमा सिन्हा ने कटे हुए पैर में एक फाइबर और आयरन का मिक्स्ड पैर लिया और अरुणिमा सिन्हा जिस पर्वत की चोटी पर चढी थी, उस पर्वत की चोटी का नाम माउंट एवरेस्ट था.
21 मई, 2013 को दुनिया की सबसेबड़ी ऊंची चोटी एवरेस्ट को फतह कर एक नया इतिहास रच दिया. ऐसा करने वाली पहली बार कमज़ोर हुई विकलांग अरुणिमा सिन्हा ने भारतीय महिला होने का रिकार्ड अपने नाम कर लिया.
अरुणिमा सिन्हा पुरस्कार:
पद्म श्री पुरस्कार (2015) |
तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार (2015) |
प्रथम महिला पुरस्कार (2016) |
मलाला पुरस्कार |
यश भारती पुरस्कार |
रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार |
माउंट एवरेस्ट के अलावा दूसरी चोटियों:
अरुणिमा सिन्हा ने माउंट एवरेस्ट के अलावा अन्य चोटियों की भी चढ़ाई को भी अंजाम दिया.
- अफ्रीका के किलिमंजारी पर्वत (5895 मीटर)
- यूरोप के एल्ब्रस पर्वत पर (5631 मीटर)
- अर्जेटीना के अकोंकागुआ पहाड़ पर (6961 मीटर)
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FAQs Related Arunima Sinha Biography:
अरुणिमा सिन्हा के जीवन से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
अरुणिमा सिन्हा के जीवन से हमें जीवन में हर तरह का दुख और कठिनाइयों से लड़ने की प्रेरणा मिलती है.
अरुणिमा का जन्म कैसे परिवार में हुआ था?
अरुणिमा का जन्म मध्यमवर्गीय परिवार हुआ था?
अरुणिमा सिन्हा के पति का नाम क्या है?
अरुणिमा सिन्हा के पति का नाम गौरव सिंह है.
What is the age of Arunima Sinha?
Arunima Sinha age is 35 years.
अरुणिमा सिन्हा को प्रथम महिला पुरस्का किस साल में मिला था?
अरुणिमा सिन्हा को प्रथम महिला पुरस्का सन 2016 को मिला था.
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